History

जयपुर भार्गव सभा का इतिहास

भारत में जयपुर भार्गव सभा विभिन्न भार्गव सभाओं में सबसे पुरानी है। जयपुर में भार्गव सभा, महिला सभा व युवा संघ पूर्णतया सक्रिय है । आपको यह भी जानकर प्रसन्नता होगी कि गत तीन वर्षों से जयपुर भार्गव सभा अखिल भारतीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ भार्गव सभा रही है। जयपुर भार्गव महिला सभा भी गत वर्षो से सर्वश्रेष्ठ महिला सभा रही है। यहॉ का युवा संघ हर क्षेत्र में भार्गव सभा व महिला सभा का सहयोगी है।


जयपुर भार्गव सभा देश की सबसे बड़ी भार्गव सभा है जिसके लगभग 3100 आजीवन व साधारण सदस्य है यहॉ हर पर्व व महोत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाए जाते है तथा सभी कार्यक्रमों में उपस्थिति 1000 से ज्यादा ही रहती है। 1 अक्टूबर 1881 को सर्वप्रथम ' भार्गव सभा जयपुर ' की स्थापना हुई थी । सन्‌ 1888 में अक्टूबर माह में भार्गव पत्रिका का प्रथम अंक जयपुर से पं. हरदयाल सिंह जी द्वारा प्रकाशित किया गया ।


जयपुर भार्गव सभा ने स्व. पं. पन्ना लाल जी तथा स्व.मुंशी हीरालाल जी के मार्गदर्शन में सभा ने खूब उन्नति की ।

वर्ष 1939 में विजयादशमी के दिन स्व. राय साहब पं. केशव देव जी ने भार्गव क्लब की स्थापना जयपुर में की । जिसके संस्थापक सदस्य श्री गोविन्द प्रसाद जी, श्री रामशरण जी, श्री सुशील प्रसाद जी, श्री दामोदर लाल जी, श्री कैलाश नाथ जी, श्री तुलसीदास जी, श्री मोहन लाल जी, श्री जगदीश प्रसाद जी, श्री जुगल किशोर जी, श्री हरीश चन्द्र जी, श्री रामचन्द्र जी, श्री अम्बेप्रसाद जी, श्री कृष्ण जीवन जी व श्री महावीर प्रसाद जी थे। सभा के प्रथम अध्यक्ष श्री अम्बे प्रसाद जी व श्री कृष्ण जीवन जी 25.08.1940 को निर्वाचित हुए। इस सभा में स्व. पं. विजेश्‍वर नाथ जी सुपुत्र स्व. श्री मक्खन लाल जी संरक्षक बने तथा पं. केदारनाथ जी ने आर्थिक सहयोग देकर सभा को सुदृढ बनाया। सर्वप्रथम सभा का कार्यालय श्री अमृत रघुनाथ जी के मन्दिर में स्थापित किया गया। इसमें सभा के सक्रिय कार्यकर्ता स्व. नरोत्तम लाल जी, पं. भैंरो प्रसाद जी (सुपरिन्टेन्डेन्ट जेल) व डा. रमाकान्त जी की सेवायें अविस्मरणीय रहेगी।

इसके पश्‍चात सभा के कार्यक्रम सत्संग भवन बापू नगर, सेवा सदन आदर्श नगर, रविन्द्रमंच, संस्कृत कॉलेज में आयोजित किए जाते रहें । वर्ष 1948 में जयपुर भार्गव क्लब का नाम बदलकर जयपुर भार्गव सभा कर दिया गया।

जयपुर भार्गव सभा, अ.भा. भार्गव सभा से सम्बद्व रहकर निरन्तर सहयोग देती रही है। जयपुर भार्गव सभा ने गत वर्षों में सन्‌ 1964-65, 1977-78, 1983-84, 1989-90 में सफल अधिवेशनों का आयोजन किया।

जयपुर भार्गव सभा के स्‍तम्‍भ

जयपुर भार्गव सभा के लिये अत्यन्त गौरव का विषय है कि श्री कैलाश नाथ जी 15 वर्षों तक अ.भा.भार्गव सभा के प्रधानमंत्री पद पर रहें उन्हें भार्गव भूषण की उपाधि से सुशोभित किया गया ।

इसी प्रकार श्री पूर्ण चन्द्र जी ने लगभग 37 वर्षों तक भार्गव पत्रिका का सफल प्रकाशन जयपुर से किया। जस्टिस श्री सुरेन्द्र नाथ जी, डा. श्री ऋषि कुमार जी अ.भा. भार्गव सभा के प्रधान पद पर रहे। श्री प्रमोद भार्गव, डा.परमानंद जी व डा. सुधा भार्गव, अ.भा. भार्गव सभा के उप प्रधान रहे। वर्तमान में डा. प्रदीप अ.भा. भार्गव सभा के उप प्रधान है।

इसके अलावा अ.भा.भार्गव सभा की विभिन्न उप समितियों को जयपुर भार्गव सभा के सदस्य संचालित करते रहें है, तथा अध्यक्ष व मंत्री पद पर रहे जिनमें से कुछ नाम इस प्रकार है - स्व. डॉ सोहन लाल जी, स्व. श्री आनन्द किशोर जी, स्व. डॉ आनन्द प्रकाश जी, स्व. श्री नरेन्द्र कुमार जी, प्रमोद जी, डा.प्रदीप जी, डा. सुधा जी, अजय जी, नरेन्द्र नाथ जी। वर्तमान में पंकज जी व अनिल जी समितियों को संचालित कर रहें है।

हम भार्गव सभा की इन विभूतियों को भी स्मरण करना चाहेंगे जिनका मार्गदर्शन व सहयोग हमें प्राप्त हुआ । सर्व श्री पं. भगवान दास जी, पं. विशेश्‍वर नाथ जी, श्रीमती शारदा भार्गव, पं. धर्ममित्र जी, पं. रामेश्‍वर प्रसाद जी, राय बहादुर मिट्ठन लाल जी, प्रो. सालिगराम जी, पं. कैलाश नाथ जी, श्याम बिहारी लाल जी, डा. सोहन लाल जी, वैद्य श्री मोहन लाल जी, त्रिलोकी नाथ जी, नरोत्तम लाल जी, शम्भूनाथ जी, डा. परमेश्‍वर नाथ जी, हरिशंकर जी, ऋषिनाथजी, रघुनन्दन लाल जी, आनन्द किशोर जी, भगवती प्रसाद जी, गिरधारी लाल जी, डा. श्री ऋषि कुमार, कैलाश नाथ जी यूनियन बैंक, डा. कैलाश नाथ जी, प्रमोद जी, डा. प्रदीप जी, अजय जी, रमेश जी (तिलक नगर), रमेश जी(शास्त्री नगर), ओंकार प्रसाद जी, अरूण जी, डा. परमानन्द जी, हेमन्त जी, प्रेमशंकर जी, पुरूषोत्तम लाल जी, मथुरा प्रसाद जी, विजय रत्न जी, विष्णु नारायण जी, भगवान स्वरूप जी, भगवत स्वरूप जी, त्रिभुवन प्रकाश जी । ऐसे समाज सेवकों व कर्णधारों का समाज की ओर से हार्दिक नमन व कोटि‍ष धन्यवाद।

जयपुर भार्गव सभा के पास अपना एक भवन है जो महर्षि ऋषि भृगु के नाम पर भृगुसदन के नाम से जाना जाता है। आधुनिक साज-सज्जा एवं लिफ्ट से युक्त यह भवन देश भर में भार्गव सभा का श्रेष्ठतम भवन है। उपरोक्त भवन की भूमि प्राप्त करने में स्व. श्री गिरधारी लाल जी का सहयोग अनुकरणीय रहा ।

महर्षि भृगु सदन के जिक्र के साथ स्व. श्री ओंकार प्रसाद जी भार्गव की याद स्वतः ही आ जाती है वे 1991 से भृगु सदन उपसमिति से जुड़े रहे तथा प्रारम्भ से लेकर जीवन के अन्तिम क्षणों तक बुकिंग का कार्य पूर्ण निष्ठा व निःस्वार्थ भाव से करते रहे। वर्तमान में बुकिंग का कार्य विजय जी (बापू नगर) द्वारा सराहनीय रूप से किया जा रहा है।

वर्तमान में श्री नरेश भार्गव (भार्गव लोढा) अध्यक्ष व श्री संजय भार्गव मंत्री के नेतृत्व में सभा प्रगति के पथ पर है।